चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि और कई गांव अब भी जलमग्न हैं। पिछले दो दिनों से दोनों राज्यों में बारिश नहीं होने से बुधवार को अधिकारियों को बचाव अभियान चलाने में मदद मिली। पंजाब के जालंधर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में सेना के हेलीकॉप्टरों से खाने के पैकेट गिराए गए। वे गांव सतलुज नदी का तटबंध टूटने के कारण जलमग्न हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पश्चिमी कमान की वज्र कोर से सेना की 16 टीमों ने जालंधर, कपूरथला और नवांशहर जिलों में बचाव अभियान चलाया और सतलुज नदी के बांध को ठीक करने में मदद की। हाल ही में हुई बारिश और भाखड़ा बांध, सतलुज और उसकी सहायक नदियों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर और रूपनगर के गांवों में पानी भर गया था। इससे निचले इलाकों में फसलों और घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पंजाब और हरियाणा में पिछले दो दिनों से बारिश नहीं होने से नदियों में पानी घटने लगा है, लेकिन सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि और कई गांव अब भी जलमग्न हैं। पंजाब सरकार ने राज्य में हाल में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए विशेष बाढ़ राहत पैकेज के रूप में बुधवार को केंद्र से 1,000 करोड़ रुपये की मांग की।कई स्थानों पर, स्वयंसेवी संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने बाढ़ से तबाह लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए लंगर का आयोजन किया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित गांवों में हालात सामान्य होने तक सेना की मदद से खाने के पैकेट गिराए जाएंगे। पड़ोसी राज्य हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल, पानीपत और सोनीपत में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया था जिसके बाद करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जैसे जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।
पंजाब और हरियाणा के कई गांव जलमग्न, बचाव कार्य जारी